प्रणाम... मेरा नाम गगन माली है। मेरे पिता का नाम धर्मेन्द्र माली है। मैं प्रतापगढ़ जिला राजस्थान का रहने वाला हूं। मेरे पिताजी किसान हैं। एक दिन मेरे चाचाजी (तेजप्रकाश माली) का सम्पर्क जितेन्द्र सर से हो गया। और मेरे चाचा ने मेरा एकमिशन श्री मंगलम स्कूल में करवा दिया। मेने 7 फरवरी 2021 को सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा दी और मेरा सम्पूर्ण राजस्थान में द्वितीय रैंक प्राप्त की। सैनिक स्कूल का परिणाम आते ही मेरे घर में खुशी की लहर दौड़ गई। लेकिन उस समय मेरा मेडिकल बाकी था। जैसे ही कोरोना का प्रभाव कम हुआ और मेरी मेडिकल की दिनंाक आ गई। मेरे को मेडिकल के दौरान अनफिट कर दिया गया। इस समाचार को सुनकर मेरे माता-पिता काफी चिन्तित हो गये। फिर मेरे पिताजी ने स्कूल में बात की तब मेरे पिताजी को सर ने कहा कि गुछे की आखरी चाबी भी ताला खोल सकती है आपको परेशान होने की जरूरत नही है। आप बेटे को फिर से संस्थान में भेजे। यह बात सुनकर मेरे पिताजी ने मुझे स्कूल भेज दिया, उसके बाद 19 सितम्बर 2021 को मेने राष्ट्रीय मिलिट्री का एग्जाम दिया और 9 जनवरी 2022 को सैनिक स्कूल का एग्जाम दिया और परिणाम मुझे यह मिला कि मैं आज सिविलियन विद्यार्थी होकर राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल में सलेक्ट हो गया और सैनिक स्कूल में प्रथम रैंक पर कब्जा जमाया है। इस सफलता का श्रेय मैं अपने अभिभावक, गुरूजनों का देना चाहूंगा। गगन माली
प्रणाम... मेरा नाम अद्विक नेहरा है। मेरे पिता का नाम स्व. श्री रामनिवास जी नेहरा है। मेरी माताजी का सोहनी देवी है। मैं सीकर जिला के प्रीतमपुरी गांव का रहने वाला हूं। मैं श्री मंगलम शिक्षण संस्थान में सत्रा 2020 में प्रवेश लिया था। और मैने मेरी सैनिक स्कूल की तैयारी को अंवरत जारी रखा। लेकिन कोरोना जैसी विषम परिस्थिति के कारण 13 मार्च को संस्थान की छुट्टी कर दी गई। और मैं भी छात्रावास से घर चला गया। अगस्त महिनें में सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा के आवेदन भरने लगे। हमनें फिर से छात्रावास में प्रवेश लिया और हमारी पढ़ाई को जारी रखा। परिणाम यह मिला कि जब सभी विद्यार्थियों के मार्क लिस्ट में मेरा नाम प्रथम रैंक पर मिला। और जैसे ही सर ने हमें सूचित किया कि आपने सैनिक स्कूल झुंझुनूं प्रथम रैंक प्राप्त की है। यह बात सुनकर मेरे परिवार में खुशी का माहौल जाग उठा। और मेरी मम्मीजी को बधाईयों के मैसेज आने शुरू हो गये। इस सफलता का श्रेय मैं मेरी माताजी और मेरे गुरूजनों को दिया जाता है। आज मैं सैनिक स्कूल झुंझुनूं में अध्ययन कर रहा हूं। और मैं आशा करता हूं कि आने वाले समय में भारतीय सेना में एक सर्वोच्य अधिकारी पद पर रहकर मैं देश की सेवा करने का सौभाग्य मुझे प्राप्त हो। जय हिन्द, जय भारत अद्विक नेहरा